Monday, December 21, 2009

ठेस !

आज के अखबारों में यह खबर पढ़कर दिल को ठेस पहुँची ! एक वक्त था, जब मैदानी क्षेत्रो में पहाड़ के लोगो, खासकर गढ़वाली और कुमावनी को नौकरी पर रखने ( चाहे वह घरेलू नौकर की नौकरी हो अथवा दफ्तर के कर्मचारी की) का एक ख़ास मकसद यह होता था कि ये लोग ईमानदार होते है ! लेकिन आज यह भी खबर पढनी थी ! इसका दूसरा पहलू इस तरह भी देखा जा सकता है कि देश की आर्थिक और बेरोजगारी की स्थिति कितनी भयावह हो चुकी है ! लेकिन सत्ता में बैठे लोग मौज कर रहे है, बेफिक्र होकर !




खबर हिंदुस्तान के सौजन्य से !