हालांकि मैं उत्तराँचल में रहा तो केवल ८-१० साल ही, मगर मेरे बचपन पर वहां की माटी की एक अमिट छाप है ! वहा की हर चीज़ को बहुत करीब से अवलोकित किया है मैंने! ऐसा ही एक इंटरेस्टिंग पहलु आपके समक्ष रख रहा हूँ ! हो सकता है की कुछ हद तक मेरा अवलोकन ग़लत भी हो, फिर भी उम्मीद है, रोचक लगेगा !
'सोइल टेस्टिंग'( मिट्टी का परीक्षण) शब्द तो आपने अक्सर सुना ही होगा! देश-विदेश में जब भी कोई बड़ा ढांचागत प्रोजेक्ट लॉन्च किया जाता है तो पहला काम होता है, सोइल टेस्टिंग रिपोर्ट ! एक ज़माना था जब हमारे गाँवों में, कोई मकान के लिए जमीन खरीदता था तो खरीदने से पहले उस जगह की थोडी सी माटी गाव के स्पेसिअलिस्ट ( वाक्या) के पास ले जाता था, जो सूंघ कर बताता था कि जमीन उसके लिए उपयोगी है अथवा नही ! इसी तरह के कुछ भिन्न भिन्न पहाडी जगहों से सम्बंधित रोचक तथ्य यहाँ रख रहा हूँ !
वैसे तो जब आप किसी मैदानी क्षेत्र के व्यक्ति से पहाडी लोगो के बारे में उसके खयालात जानो तो वो यही कहता है कि पहाडी लोग, ख़ासकर उत्तराखंड और हिमाचल के इमानदार , शरीफ और अच्छे नेचर के होते है ! मगर सभी जानते है कि भिन्न भिन्न तरह के इंसानों की सोच, उनके हाव-भाव, उनके चेहरे की बनावट और मुखमुद्रा भिन्न भिन्न होती है ! कभी सोचा की ऐसा क्यो होता है ? इंसान के इन हाव-भावों को कौन प्रभावित करता है ! बहुत से फैक्टर इसमे काम करते है, और जिनमे से एक है जमीनी फैक्टर ! तो मैं इसी जमीनी फैक्टर की बात पहाडो खासकर उत्तराँचल के सम्बन्ध में आपके समक्ष रख रहा हूँ !
जमीनी संरचना .........वहाँ के निवासी का औसत स्वाभाव
सूखी पहाडी चोटी पर रहे वाला ..........................चिडचिडा और अप्रिय बोलना
हरित पहाडी चोटी पर रहने वाला ........................ गुस्सैल मगर मीठा बोलना
बर्फीली चोटी ...................................... भावहीन चेहरा
सूखी घाटी.........................................चिडचिडा मगर डरपोक
हरित घाटी........................................ गुस्सैल मगर बहादुर
सिंचित भूमि वाली घाटी ...............................हंसमुख चेहरा, मीठा बोलने वाला
घाटी के बीच का मैदान.( जैस.देहरादून )................... मतलबी और मीठा बोलने वाला
(कहाँ आपकी जेब कटी,आपको पता ही न चले)
पहाडी के आगे का उष्म कटिबंधीय क्षेत्र ( जैसे भाबर,तराई )...... प्लेन मगर तल्खी बोलने वाला
अब आप सोचो आप इसमे से किस जगह के निवासी है और आपका स्वभाव मेरे उपरोक्त चार्ट से मेल खाता है अथवा नही !
अच्छा लिखा है आपने , साथ ही आपका चिटठा भी खूबसूरत है । यूँ ही लिखते रहे ।
ReplyDeleteहमें भी उर्जा मिलेगी ,
धन्यवाद
मयूरअपनी अपनी डगर
शुक्रिया, मयूर जी !
ReplyDeleteGood Job Godiyal Ji. My suggestion is to have just one blog. Wud be difficult to maintain 4 different blogs.
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