आज एक भौत पुराणु गीत याद आण लग्यु, कभी मेरा पिताजी गुनगुनौदा छा ये गीत तै। पुरू गीत त याद नी पर कुछ लाइन याद छाई और कुछ अप्णि त्रफां बिटिकी जोडीक यख प्रस्तुत करनू छौं। अगर आप लोगु तै कै तै याद हो त कृपया बतौण कु कष्ट कर्यान ;
चल शांता, पंजाबी शांता चल मेरा गढ़वाल हे झम,,,,,,,,,,,,,,2
क्या लाणू, क्य खाणु छोरा, क्या तेरा गढ़वाल हे झम,
हे कंडाळी कु साग हे शांता, झंगोरा कु भात हे झम,
चल शांता पंजाबी शांता चल मेरा गढ़वाल हे झम,,,,,,,,,,,,,,2
चल शांता पंजाबी शांता चल मेरा गढ़वाल हे झम,,,,,,,,,,,,,,2
आंगडी बणौलू शांता, नथूली सन्जाप हे झम,
हैन्सूळी बणौलू शांता, नाकै की बुलाक़ हे झम,
चल शांता पंजाबी शांता चल मेरा गढ़वाल हे झम,,,,,,,,,,,,,,2
बानी-बानी का फूल शांता, ग्वीर्यालै- बुरांस हे झम,
डाल्यों मा कफ़ु बासदी, घुघूती, हिलांस हे झम ,
चल शांता पंजाबी शांता चल मेरा गढ़वाल हे झम,,,,,,,,,,,,,,2
नी आन्दू नि आन्दु छोरा, मी तेरा गढ़वाल हे झम
चल शांता पंजाबी शांता चल मेरा गढ़वाल हे झम,,,,,,,,,,,,,,2
बहुत बढ़िया जी।
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