तू कागज़ होन्दी,
मी कुच्ची होन्दु, कुच्ची=ब्रश
ज्यू-धीत भोरी
मी त्वे सजौन्दु।
ग्वीर्याळ-बांज
ड़ाळा छैल बैठी,
टाट मा त्वे बिछौंदु,
चौक, छाजा
डिंडाळा बैठी,
खाट मा त्वे बिठौंदु,
तेरी लंबी धौंपेली,
घुंघर्याळा बाळ,
छुंयाल्य़ा आँखी,
स्वाणी मुखडी,
छबिलु लाणु
सजीलु गात,
नाक नथुली,
कंदुड़ू झुमका,
रंगबिरंगी चूडी हाथ।
बानी-बान्या
साँचा बणैकी
मन माफिक
रंग चढ़ोन्दु,
किरमिची देह मा
कुच्ची कू प्राण होन्दु।
तू कागज़ होन्दी,
मी कुच्ची होन्दु,
ज्यू-धीत भोरी
मी त्वे सजौन्दु।।
रुपवानक बारमा अच्छी पंक्तियां
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