Wednesday, January 21, 2009

'मिन त गीत पुराणु ही गाण' !

सुणिई त ह्वालि तुमारी,  व औखाण,
'कि आदू कु स्वाद, बल बांदर क्य जाण',
तुमितै मुबारक हो या भौ-भौ 
अर् ढीकचिक-ढीकचिक,
भै, मिन त गीत पुराणु ही गाँण !

बैण्ड परैं  नाचदा यी रमपम बोल,
दाना-स्याणौं  कु उड़ान्दा मखौल,
छोडियाली यून अब ढोल-दमाऊ,
मुसिकबाजु,शिणे त कैन बजाण,
पर मिन त गीत पुराणु ही गाण !

अबका नौन्यालू कि इखारी रौड़,
बाबै  मोणी मा फैशन की दौड़,
यी क्य जाणा मुण्ड मा टोपली
अर् कन्धा मुंद छातू लिजाण,
भै ! मिन त गीत पुराणु ही गाण !

पढोंण का खातिर यूँ तै भेजि स्कूल,
अददा बट्टा बिटिकी ये ह्वैग्या  गुल,
घुम्या-फिरया यी कौथिक दिनभर
दगडा मा लिकी क्वि गैला-दगडीयाण,
भै ! मिन त गीत पुराणु ही गाण !

मुसेडै की डौर अर पैंसों  कि तैस,
चुल्लू उजड़ीगे और ऐगिनी गैस,
यी क्य जाणु कन होंदी बांज कि लाखडि
अर् व्यान्सरी मु फूक मारी  गोंसू जगाण,
भै ! मिन त गीत पुराणु ही गाण !

काटण छोडिक लाखडु अर् घास,
खेलण लग्यां छन तम्बोला तास,
घर मु गौडी-भैंसी चैन्दि लैंदी सदानी,
अर बांजी गौडी-भैंसी कख फरकाण,
भै ! मिन त गीत पुराणु ही गाण !

पेण कु चैन्दि यु तै अंग्रेजी रोज,
बै-बुबगी कमाई मा यी करना मौज,
जब कभी नि मिलू यु तै अग्रेजी त्
देशी ठर्रा न ही यूँन काम चलाण,
भै ! मिन त गीत पुराणु ही गाण !

खाणौ मा बर्गर-पीजा और चौमिन-दोशा,
नि मिली कभी त बै-बुबौऊ तै कोशा,
हेरी नि सकदा यु कोदा झंगोरू तै,
कफली अर् फाणु त यून कख बीटी खाण,
भै ! मिन त गीत पुराणु ही गाण !

बदन पर युंका लत्ती न कपडि और,
वासिंग मशीन भी यी लैग्या घौर,
इनी राला घुमणा नांगा पत्डागा त
आख़िर मा ठनडन पोट्गी भकाण,
भै ! मिन त गीत पुराणु ही गाण !

फैशन मुंद युंका इनु पड़ी विजोक,
कमर युंका इन जन क्वि सुकीं जोंक,
डाईटिंग कु युंकू इन रालू मिजाज
त डाक्टर मु जल्दी यूं पड़लू लिजाण
भै ! मिन त गीत पुराणु ही गाण !

भिन्डी क्य बोलू आप दगडी यांमा मैं,
आप भी पढ़या-लिख्या और समझदार छै,
सुधर्ला त अच्छी बात नि सुधर्ला त
बूडेन्द्दी दा तुमन ही आपरी खोपडी खुजाण,
भै ! मिन त गीत पुराणु ही गाण !


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